Saturday, June 28, 2025

मम्मी-पापा शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं

 


लूँ जन्म अगर दोबारा कभी, इस धरा पर यदि फिर मनुष्य बन आऊँ मैं,
चाहूँ कोख मिले वही फिरसे,गोद-गोत्र,घर-परिवार वही फिर पाऊँ मैं, आता है याद जब कभी भी मुझे, अपना प्यारा-सा बचपन,
ले आता है लबों पर मुस्कान, पर कर देता आँखों को नम,
जहाँ प्यार और विश्वास मिला, मुझे अपने भाई-बहन से ज़्यादा,
वहीं डाँट और पिटाई खाई दोनों ने मेरे हिस्से की आधा-आधा, 
बस खाओ-पियो, पढ़ो और सो जाओ, दिनचर्या वो कितनी प्यारी थी,
यही महसूस कराया मम्मी-पापा ने, जैसे मैं तो जग में सबसे न्यारी थी, एक तरफ़ मम्मी ने रोका घर के कामों में हाथ बटाने से,
वहीं पापा ने आत्मविश्वास जगाया, बोला कभी किसी से ना घबराने से,
हमेशा मान दिया, सम्मान दिया मेरी इच्छाओं और इरादों को,
सिखाया सच की राह पर चलना, पूरा करना दिए वादों को,
नित्य रंग बदलती इस दुनिया में जाने इतनी हिम्मत मम्मी-पापा  कहाँ से लाते थे,
“रोना ना किसी भी हाल में, जो होगा देखा जाएगा”, कितनी आसानी से कह जाते थे, 
डटी रही हूँ, डिगी नहीं हूँ, उस मार्ग से जो उन्होंने तब दिखलाया था,
सिखा रही हूँ बच्चों को अपने, वही जो, उन्होंने बरसो पहले मुझको सिखलाया था, 
माँ-पा हाथ आप दोनों का सदा रहे हमारे सर पर, बस इतनी-सी ख्वाहिश है,
मानी है हर बात आपने मेरी, मान लोगे ना ये जो मेरी छोटी-सी फ़रमाहिश है 🙏

Saturday, June 21, 2025

हादसे

 


कुछ हादसे सिखाने नहीं आते…

कुछ हादसे सुलझाने आते हैं,

उन उलझनों को, जिनकी इंतहाँ नहीं…

कुछ हादसे दिखाने आते हैं,

वो रास्ते, जो हमने चुने ही नहीं…

कुछ हादसे समझाने आते हैं,

नादान मन, जो समझता ही नहीं…

कुछ हादसे याद दिलाने आते हैं,

उन लम्हों की, जिन्हें हमने जिया ही नहीं…

कुछ हादसे महसूस कराने आते हैं 

अहमियत उनकी, जो हमारे साथ नहीं…

कुछ हादसे बिखराने आते हैं 

खुश्बू, उन रिश्तों की जिन्हें हम कभी भूले ही नहीं… 

कुछ हादसे दिलासा दे जाते हैं,

की ज़िंदगी के सफ़र में हम, इतने तन्हा भी नहीं…