Monday, August 31, 2009

Time for new look...

I don't want any confusions here...It's time for New look of my blog... liked this new template and changed mine..it's so soothing for eyes :)Ain't it?

Wednesday, August 19, 2009

याद बहुत आता है वो बिता हुआ जमाना..

जिंदगी का वो पड़ाव जहाँ अपने से ज्यादा दुसरे inspiring लगते थे ,
हर हफ्ते college में नए hair style दीखते थे ... :)
वो पढाई की tension...
वो career का mention....
वो class bunk करके movie देखने का मज़ा ....
और पकडे जाने पर class में present होने पर भी absent mark होने की सज़ा ...
वो friends से रूठना, झगड़ना और फिर मान जाना...
वो फ्री periods में चाय और समोसे बाँट के खाना ...
वो test से पहले notes की photocopy कराना..
याद बहुत आता है वो बिता हुआ जमाना..
वो physics के practicals वो chemistry के formulae ...
हैं कुछ ऐसी यादें जो हम शायद कभी न भूलें ..
वो exams से पहले रात भर जागना...
और inspirational quotes room में टांगना..
वो lunch के बाद boring maths की class ...
और साड़े बारह रुपये का DTC बस पास ...
वो बस में लग-भग हररोज लड़ाई...
और mom dad का डांटना करते क्यों नहीं मन लगाके पढाई...
वो planning करते हुए खिड़की से बाहर झांकना...
और movie से लेट होने पर friends से घर तक lift माँगना ....
वो डांट वो प्यार वो care वो टकरार.. आज भी वो दिन बहुत याद आते हैं ....
बीते हुए दिन जाने कहाँ चले जाते हैं ...
याद आता है वो दौर जब भी ..चेहरे पर हलकी सी एक मुस्कान ले आता है ...
पल भर में सब ग़मों को दूर कहीं दूर ले जाता है...
शायद कोई नहीं है जो वो बिता हुआ समय फिर वापस ले आएगा..
बाकी का जीवन तो सिर्फ उन यादों के सहारे ही चला जायेगा.... :)

Tuesday, August 11, 2009

India's got talent (Any doubts!!!)

Watch this video...the show's idea is a copy of Britain's got talent & America's got talent...but, the act makes me feel that probably there's still a ray of hope...a ray of hope that India will survive brain drain...that India can be a super power some day...for we still have youth who are not looking for short cuts to achieve success...who are ready to put in the labor and vigor that is required to deserve being there at the top...they might not have born in the best of homes to help them get what it needs to achieve luxuries of life...but they are born with something that money can't buy...the "WILL"...will to achieve everything on sheer talent!!


फुटपाथ पर पड़ा था ....वो भूख से मरा था..कपडा उठा के देखा तो पेट पर लिखा था... सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा...

Friday, August 7, 2009

Pray for India...

Tera India..Mera India...Apna India....Pray for India..

After all if despite all the socio-political problems if India is still surviving god must be having some role in it :) :) :)

उत्तराखंड में है गाँव मेरा


पली बड़ी दिल्ली में मैं... दिल्ली है जन्म स्थान मेरा ...
पर मम्मी-पापा कहते हैं... उत्तराखंड के अल्मोड़ा में है गाँव तेरा...
हिमालाय के पहाडों से है जुड़ा पुश्तैनी नाम मेरा...
ऊँचे-ऊँचे हैं पहाड़ जहाँ और पेड़ों से है जो हरा-भरा ...
पापा जब भी बीते दिनों की बात बताते हैं...
उनके और अपने बचपन में अन्तर कई हम पाते हैं...
पहाडों में खेले कूदे वो, मीलों चलकर स्कूल को जाते थे...
पानी बहुत कम मिलता था..शायद हफ्तों में कभी नहाते थे ... :)
जो भी था, जैसा और जितना भी था, सब कुछ अपना-अपना था ...
आज की तरह सुविधायें ना थी, पर आंखों में सच्चा सपना था...
सपना था की पढ़ लिखके, मेहनत करके कुछ बन दिखाना है...
केवल अपना नहीं सभी अपनों का जीवन स्तर ऊपर उठाना है ..
इसी चाह में.. इसी राह में...पढ़ते रहे ...चलते रहे..
छूट गया पीछे घर उनसे...पर यादों में पहाड़ बसे रहे...
कई बार उन सपनो में वो दोबारा खो से जाते हैं...
कहते-कहते आंखों में उनकी आंसू भी आ जाते हैं...
प्यार बहुत है उन्हें अपने गाँव से, उनके आंसू एहसास दिलाते हैं ...
बसे हैं चाहे दिल्ली में आज, पर लौटकर फिर वहीं वो जाना चाहते हैं...
प्यार मिला संस्कार मिला उनको जिन पहाडों में...
बसा हुआ है आज भी वो उनकी मन की धारों में...
उनकी बातें सुनके लगता है.. शायद वो सच में कोई सपना था...
जहाँ प्यार बसता था दिलों में और हर कोई अपना-अपना था...
आज तो मतलब की है दुनिया.. कौन किसी का होता है...
वही धोखा देता है जिसपर सबसे ज्यादा भरोसा होता है...
कोई किसी का नहीं.. पैसा सबका बना चहेता है...
सुना है बाप और भाई से भी बड़ा आज रुपैया है...
कहाँ गए वो दिन जिनकी याद मेरे पापा करते हैं...
आज तो हम अपनों को भी अपना कहने से डरते हैं...
दिल्ली क्या पहाडों में भी अब ऐसा ही होता है...
देख अपनी मिट्टी की ये हालत ही शायद पापा का अंतर्मन रोता है...
याद करते हैं पापा जिनको क्या वो दिन लौटकर फिर आयेंगे...
हम अपने बच्चों को कौन से पहाड़ की कहानी सुनायेंगे ...
इजा-बाबू , अम्मा-बुबू कौन होते हैं ...कैसे उन्हें समझायेंगे..
शायद हम उन्हें अपनी येही दुनिया दिखायेंगे...
दुनिया जहाँ दिन के चौबीस घंटों में अपनों के लिए कोई वक्त नहीं...
और सौ किलो के शरीर में मातृभूमि के लिए दो ग्राम भी रक्त नहीं...
जहाँ खुली हवा में सांस लेने से जान को खतरा है....
प्रदूषण और जाने कितने ही रोगों ने इंसान को हर तरफ़ से जकडा है...
हाँ पापा की तरह उत्तरखंड में ही है गाँव मेरा ...
पर शायद उनकी तरह गहरा नही पहाडों से प्रेम मेरा ....
प्यार होता तो पहाडों की सच्चाई खोते देख मेरी आँख में भी आंसू आते...
और हम केवल उनके बारे में लिखते या पढ़ते नहीं... मिलजुल कर कुछ कर दिखाते...

Wednesday, August 5, 2009

Mummy main bhi jaaongaa.....

Songs with beautiful messages is what I would describe Anil Kant's songs as... here's another of his nice numbers politely striking on all major issues of our developing nation... wonder...it will be able to hit our society's conscience yet !!!