Saturday, February 22, 2020

# Cleanliness # Swachchhta

साफ़-सफ़ाई, स्वच्छता: इन्हें पसंद सब करते हैं पर इनमें योगदान देना पसंद नहीं करते फिर बात चाहे आस पड़ोस की हो या मन और मस्तिष्क की....

Cleanliness: Everyone appreciates it, but no one likes to work on it... whether it's cleanliness of the mind or of the neighbourhood...

गंदगी का आलम कुछ ऐसा है हमारे आशियाने में...
कभी यूँ ही सफ़ाई करने लगो तो बिटिया पूछती है...
आज कोई आने वाला है ?🤪

Friday, February 14, 2020

Just for FB - 2020 (2)

"वो देश का सबसे बढ़ा ग़द्दार कहलाएगा
जो भूल के शहीद पुलवामा के वैलेंटायंज़ डे मनएगा"
ऐसे कितने ही पैग़ामों का, आज शोशियल मीडिया पर शोर है
भावनाओं से लेना देना नहीं, बस दिखावे पर ज़ोर है...
लगता है अब शहीदों का भी बँटवारा किया जाएगा...
जिसने कारगिल और पुलवामा में प्राण गँवायें बस वही शहीद कहलायेगा...
उनका क्या जो जान हथेली पर लेकर, अपने भाइयों का बदला लेने गए..
जो रोज़ मरते हैं सीमा पर, उन शहीदों को क्या भूल गए?
शहीद तो निर्भया और प्रियंका जैसी कितनी होती आयीं हैं इस देश में..
क्यूँकि सीमा के बाहर ही नहीं, अंदर भी दरींदे घूम रहे हैं यहाँ आदमी के भेष में...
आपको वैलेंटायंज़ डे नहीं मनाना, मत मनाइए...
पर इसका एलान कर, पुलवामा के शहीदों पर एहसान जताइए...
ना ही ऐसा जताकर, और शहीदों की शहादत का मज़ाक़ बनाइए...
कुछ करना ही है, तो आज मंदिर में सभी शहीदों के नाम का एक दीप जलाइए....

Thursday, February 13, 2020

2020 Valentines Day Special -अमाक बगस

कहते हैं, माता-पिता का प्यार खुद माता-पिता बन जाने पर ही समझ आता है..
पर कोई तो हैं, जिन्हें हर बच्चा प्यार की समझ होने से पहले से ही चाहता है 
हमें देख कर जिनके चेहरे खिल जाते थे, 
हमारे लिए जो कभी घोड़ा, कभी बन्दर बन जाते थे,
नाज़ नख़रे उठाये जिन्होंने सभी, मम्मी-पापा की डांट से भी कई बार बचाया.
ईशारों में समझ लीं ख्वाहिशें दिल की, लाड़-दुलार हम पर बेशुमार लुटाया .
बिन मांगे दिये आशीर्वाद ढेरों, हाथ सर पर उन्होंने जब भी फिराया,
अब बस स्वर्णिम यादें हैं बाकीं, वक्त उनके साथ जो भी था बिताया, 
आमा-बुबू कहते थे हम जिनको, जिन्होंने पोथा, बबा, बाज्यू कह हमको बुलाया 
आमा ने झोले से कभी निकाली मिश्री, तो बुबू ने कभी हाथ में रुपया थमाया
चलिए ये वैलेंटाइन डे करें नाम उनके, जिन्होंने हमें सबसे पहले प्यार करना सिखाया 
चलिए उन यादों को एक बार फिर जी लें, क्यूंकि आमा का बक्सा फिर खुलने है आया


बेडुपाको.कौमक नयी पेशकश-आमक बगस 
खुद ले सुणो औरूं क़े ले सुणाओ 
यौ फार वैलेंटाइन्स डे अपण बुढ़ बाढ़ियां दगड मनाओ
अमाक बगस