"वो देश का सबसे बढ़ा ग़द्दार कहलाएगा
जो भूल के शहीद पुलवामा के वैलेंटायंज़ डे मनएगा"
ऐसे कितने ही पैग़ामों का, आज शोशियल मीडिया पर शोर है
भावनाओं से लेना देना नहीं, बस दिखावे पर ज़ोर है...
लगता है अब शहीदों का भी बँटवारा किया जाएगा...
जिसने कारगिल और पुलवामा में प्राण गँवायें बस वही शहीद कहलायेगा...
उनका क्या जो जान हथेली पर लेकर, अपने भाइयों का बदला लेने गए..
जो रोज़ मरते हैं सीमा पर, उन शहीदों को क्या भूल गए?
शहीद तो निर्भया और प्रियंका जैसी कितनी होती आयीं हैं इस देश में..
क्यूँकि सीमा के बाहर ही नहीं, अंदर भी दरींदे घूम रहे हैं यहाँ आदमी के भेष में...
आपको वैलेंटायंज़ डे नहीं मनाना, मत मनाइए...
पर इसका एलान कर, पुलवामा के शहीदों पर एहसान जताइए...
ना ही ऐसा जताकर, और शहीदों की शहादत का मज़ाक़ बनाइए...
कुछ करना ही है, तो आज मंदिर में सभी शहीदों के नाम का एक दीप जलाइए....
जो भूल के शहीद पुलवामा के वैलेंटायंज़ डे मनएगा"
ऐसे कितने ही पैग़ामों का, आज शोशियल मीडिया पर शोर है
भावनाओं से लेना देना नहीं, बस दिखावे पर ज़ोर है...
लगता है अब शहीदों का भी बँटवारा किया जाएगा...
जिसने कारगिल और पुलवामा में प्राण गँवायें बस वही शहीद कहलायेगा...
उनका क्या जो जान हथेली पर लेकर, अपने भाइयों का बदला लेने गए..
जो रोज़ मरते हैं सीमा पर, उन शहीदों को क्या भूल गए?
शहीद तो निर्भया और प्रियंका जैसी कितनी होती आयीं हैं इस देश में..
क्यूँकि सीमा के बाहर ही नहीं, अंदर भी दरींदे घूम रहे हैं यहाँ आदमी के भेष में...
आपको वैलेंटायंज़ डे नहीं मनाना, मत मनाइए...
पर इसका एलान कर, पुलवामा के शहीदों पर एहसान जताइए...
ना ही ऐसा जताकर, और शहीदों की शहादत का मज़ाक़ बनाइए...
कुछ करना ही है, तो आज मंदिर में सभी शहीदों के नाम का एक दीप जलाइए....
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