Friday, December 29, 2023

बेटियाँ एक दिन अचानक यूँ ही बड़ी हो जाती हैं

 

सुनी-सी घर की बगिया में,
जब वो चिड़ियाँ  बिन-पंख उड़ी आतीं हैं,
अपनी बातों और जस्बातों से,
ज़िंदगी में ख़ुशियों की झड़ी ले आतीं हैं,
नन्हे कदमों से अपने,
प्यारे से एक बंधन की हथकड़ी ले आतीं हैं,
बेटियाँ जिस घर आतीं हैं,
सुख, सौभाग्य और सम्पन्नता वहीँ ले आतीं हैं,
नन्ही-सी परियाँ, माँ की सखी-सहेली,
और पिता की लाड़ली बड़ी हो जाती हैं,
प्यार देतीं हैं इतना कि,
हर कष्ट और रोग बूटी व जड़ी हो जातीं हैं,
और जवानी की ज़िम्मेदारी 
तब  बुढ़ापे की छड़ी हो जाती हैं,
जब हाथ थामे चलने वालीं, 
अपने पैरों पर खड़ी हो जातीं हैं…
बेटियाँ जाने कब, कैसे और क्यूँ,
इतनी बड़ी हो जातीं हैं…

Our daughters surprised us with a breakfast on bed today. As much as it felt nice, it came as a reminder that they are growing up, growing up fast, so fast that soon they will be on their way to their careers, their personal lives. As parents we often complain about our children not learning quick enough, soon enough, and when they do, we want them to unlearn it all and come back to being the little kids they are :)


Thursday, June 22, 2023

जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई माँ

 


माँ के लिए क्या लिखूँमाँ ने ख़ुद मुझे लिखा है,

माँ के लिए क्या लूँमाँ से ही सब लिया है,

माँ के लिए क्या मांगूमाँ हर दुआ में मेरी ख़ुशी माँगती है,

माँ के लिए क्या कहूँमाँ शब्दों में ब्यान कहाँ हो पाती है,

माँ को क्या देखूँमाँ बंद आँखों से मुझे पहचान लेती है,

माँ को क्या सुनू,माँ मेरे बिना कहे सब जान लेती है,

माँ को क्या समझूँ ,माँ मेरी समझ से परे है,

माँ दिल में उलझने पर चेहरे पर बेफ़िक्री लिए फिरे है,

माँक्यूँ तुझे चिंता आज भी इतनी हमारी होती है,

माँक्यूँ तू आज भी रातों की नींद हमारे लिए खोती है,

आज जब मैं भी एक माँ हूँ , पहले से थोड़ा बेहतर समझती हूँ,

क्योंकि अब मैं भी बच्चों के दर्द में सहमतीख़ुशी में चहकती हूँ,

माँतू फ़िक्र अब कम करज़िंदगी ज़िले ज़रा जी भर,

माँख्वाहिशें कुछ तेरी भी रही होंगीअब उन्हें पूरा कर

माँबचत ना करना ये सोचकरकी मेरे बच्चों के काम आयेंगे

माँखर्चे खुलकर करहम अपनी चादर अपने हिसाब से फैलायेंगे

माँतेरे होने से ही तो मेरा मायका है,

माँतेरे होने से ही ज़िंदगी में जायका है

माँटेंशन छोड़योगा करघूमना-फिरना शुरू कर अभी,

माँतू भूल कर दुनिया कोअब बस अपनी मर्ज़ी से जी।

Friday, June 9, 2023

त्याग

 


मायका तो कबका छोड़ आई थी,
मातृभूमि से जुड़ी डोर भी टूट गयी,
मातृत्व के मोह में आज,
भारतीय नागरिकता भी छूट गई |
सब कुछ खोकर जो पाया है, 
एक प्रमाणपत्र कागज़ का है,
पर जो छूट गया, जो टूट गया, 
मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा है |
बनके लहू जो बहते हैं,
ये ऐसे दिल के रिश्ते हैं,
एक दस्तावेज़ से बदल जाएँ,
नहीं जीवन-बीमे की आसान-सी किश्तें हैं |
पर बिना परिश्रम कहाँ-कभी,
किसी सच्चे रिश्ते का पौंधा बढ़ता है,
धैर्य,अनुराग, त्याग, लगन से 
उसे सींचना पड़ता है |
जो देखी, सुनी और पढ़ी थीं,
उन बातों का ही अनुसरण किया,
कल पत्नी और बहु बनने को,
एक बेटी ने मायका छोड़ा था,
आज बच्चो की परछाई बनने को,
एक माँ ने मातृभूमि का परित्याग किया | 

Wednesday, June 7, 2023

My Dad

 


My dad, is not perfect,

My dad, is a man of simple interests,

My dad, makes mistakes,

My dad, aches and breaks,

My dad, sneezes and snores,

My dad, talks less, hears more,

My dad, values & respects,

My dad, understands & accepts,

My dad, listens & believes,

My dad, forgets & forgives,

My dad cuts everyone some slack,

My dad, always held my back,

My dad, made me feel I was better than the rest,

My dad, took great pride in me as though I was “The Best”, 

My dad, never questioned, yet trusted me blindly,

My dad, taught & educated me to set me free,

My dad is not a king, yet always treated me like a princess,

And that's why, My dad was and is my biggest strength & weakness.

Friday, May 12, 2023

Life comes full circle

 



समय-समय की बात है

वो जो कल हमको बुरा भला सुनाते थे

उनका सच आज बेनक़ाब है

कल हर बात का जवाब जानते थे जो

आज पूरी तरह लाजवाब हैं

ईश्वर गवाह है हमारा 

उसने सदा हमें सम्भाला

बाल ना बाँका कर सकेगा वो

हमें तोड़ना जिनका ख़्वाब है 



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कल जो मुँह फुलाए बैठे थे 

वो आज भी मुँह सुजाये बैठे हैं

कल जो अपनी अकड़ में ऐंठे थे 

आज दूसरों की पकड़ में ऐठे हैं

हम भी वही हैं

वो भी वहीं हैं

हालात भी हुबहू वही हैं

फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है

तब जो हम पर गुज़री

ज़रा ना समझे वो

आज उन पर आई है

तो मुंह में दही जमाये बैठे हैं 

इत्तेफाक ये है जनाब

कल उनकी नज़र में ग़लत था जो

आज उसे ही जाने कैसे सही 

बताये बैठे हैं

Friday, March 10, 2023

दिल से किया, दिल से दिया

 


किसी कोकभी भी 

कुछ ना भी दिया है हमने

तहज़ीब इतनी दिखाई है 

दिल में कुछ छिपाकर 

लबों से कोई झूठी 

तस्वीर नहीं बनाई है 

जो किया दिल से किया 

जो दिया दिल से दिया 

जब भी लिया किसी से 
वापस बिन मांगे किया 

कोई लोभ  दिखाया 

लालच कभी ना किया 

जो हैं, जैसे हैं,

अपने दम से हैं

अपने घर के राजा हैं

तो क्या हुआ

जो सर पर ताज नहीं 

गिर भी गए तो फिर उठ जाएँगे

जब तक ऊपरवाला साथ है

किसी की मदद 

के मोहताज नहीं