समय-समय की बात है
वो जो कल हमको बुरा भला सुनाते
उनका सच आज बेनक़ाब है
कल हर बात का जवाब जानते थे जो
आज पूरी तरह लाजवाब हैं
ईश्वर गवाह है हमारा
उसने सदा हमें सम्भाला
बाल ना बाँका कर सकेगा वो
हमें तोड़ना जिनका ख़्वाब है
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कल जो मुँह फुलाए बैठे थे
वो आज भी मुँह सुजाये बैठे हैं
कल जो अपनी अकड़ में ऐंठे थे
आज दूसरों की पकड़ में ऐठे हैं
हम भी वही हैं
वो भी वहीं हैं
हालात भी हुबहू वही हैं
फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है
तब जो हम पर गुज़री
ज़रा ना समझे वो
आज उन पर आई है
तो मुंह में दही जमाये बैठे हैं
इत्तेफाक ये है जनाब
कल उनकी नज़र में ग़लत था जो
आज उसे ही जाने कैसे सही
बताये बैठे हैं
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