किसी को, कभी भी
कुछ ना भी दिया है हमने
तहज़ीब इतनी दिखाई है
दिल में कुछ छिपाकर
लबों से कोई झूठी
तस्वीर नहीं बनाई है
जो किया दिल से किया
जो दिया दिल से दिया
जब भी लिया किसी से
वापस बिन मांगे किया
कोई लोभ न दिखाया
लालच कभी ना किया
जो हैं, जैसे हैं,
अपने दम से हैं
अपने घर के राजा हैं
तो क्या हुआ
जो सर पर ताज नहीं
गिर भी गए तो फिर उठ जाएँगे
जब तक ऊपरवाला साथ है
किसी की मदद
के मोहताज नहीं
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