यूं तो जिंदगी में गलतियाँ हरेक से होती हैं,
पर मेरी गलतियाँ सबसे unique होती हैं…
एक दिन बदकिस्मती से मैं अपने एक मित्र के घर गयी,
जहाँ मेरी मुलाकात उसके पांच साल के भतीजे से हुई…
देखने में तो मुन्डा बड़ा cute और polite था,
पर केवल तब तक जब तक वो quite था…
कुछ देर में मेरे मित्र ने अपने भतीजे के कान में फुस्सुसाया,
“बेटा आपने अभी तक दीदी को ABCD नहीं सुनाया”
बच्चा ज़रा जीझका,थोड़ा हिचकिचाया,
पर जब बोलने पर आया तो मेरा होश उड़ाया..
बोला, “A से आइये,
B से बैठिये,
C से चाय पीजिए और
D से दफा हो जाइये,
E से इस तरह गायब हो जाइए की
F से face अपना फिर ना दिखाइए
G से गलती से भी
H से हमारे घर के पास नज़र न आइये
I से इसके बाद
J से जहाँ चाहे जाइये, जो चाहे
K से खाइए, पीजिए
L से लेकिन दोबारा
M से मेरे
N से नज़र के सामने मत आइये
इतने में पाते ही मौका,
मैंने उसे कुछ इस तरह टोका
O से ओये
P से पुत्तर
Q से कृपा करके
R से रूक तो जाइये, थोडा तो
S से शरमाइये , इस तरह तो मेरी इज्ज़त की धज्जियाँ न उडाइये…
T से तुम्हारे भेजे में यह सब जिसने है घुसाया,
U से उनके इस प्रकार के शिष्टाचार
V से विचार
W से व्यवहार के कारण को
X से Xpress
Y से यदि कर सकें तो
Z से ज़रा समझाइये
और इसके बाद ग्यारह number की बस पकड़ कर मैंने ऐसी दौड़ लगाई
सच मानिए घर पहुंच कर ही मेरी सांस में सांस आई…
उस दिन से मैंने मन में यह फैसला किया
और उन सब मित्रों के घर जाना छोड़ दिया
जिनके घर में छोटे भांजा भांजी या भतीजा भतीजी थे
ताकि औरों कीं ना सही, कम से कम खुद की नज़रों में तो मेरी इज्ज़त बनी रहे…
पर मेरी गलतियाँ सबसे unique होती हैं…
एक दिन बदकिस्मती से मैं अपने एक मित्र के घर गयी,
जहाँ मेरी मुलाकात उसके पांच साल के भतीजे से हुई…
देखने में तो मुन्डा बड़ा cute और polite था,
पर केवल तब तक जब तक वो quite था…
कुछ देर में मेरे मित्र ने अपने भतीजे के कान में फुस्सुसाया,
“बेटा आपने अभी तक दीदी को ABCD नहीं सुनाया”
बच्चा ज़रा जीझका,थोड़ा हिचकिचाया,
पर जब बोलने पर आया तो मेरा होश उड़ाया..
बोला, “A से आइये,
B से बैठिये,
C से चाय पीजिए और
D से दफा हो जाइये,
E से इस तरह गायब हो जाइए की
F से face अपना फिर ना दिखाइए
G से गलती से भी
H से हमारे घर के पास नज़र न आइये
I से इसके बाद
J से जहाँ चाहे जाइये, जो चाहे
K से खाइए, पीजिए
L से लेकिन दोबारा
M से मेरे
N से नज़र के सामने मत आइये
इतने में पाते ही मौका,
मैंने उसे कुछ इस तरह टोका
O से ओये
P से पुत्तर
Q से कृपा करके
R से रूक तो जाइये, थोडा तो
S से शरमाइये , इस तरह तो मेरी इज्ज़त की धज्जियाँ न उडाइये…
T से तुम्हारे भेजे में यह सब जिसने है घुसाया,
U से उनके इस प्रकार के शिष्टाचार
V से विचार
W से व्यवहार के कारण को
X से Xpress
Y से यदि कर सकें तो
Z से ज़रा समझाइये
और इसके बाद ग्यारह number की बस पकड़ कर मैंने ऐसी दौड़ लगाई
सच मानिए घर पहुंच कर ही मेरी सांस में सांस आई…
उस दिन से मैंने मन में यह फैसला किया
और उन सब मित्रों के घर जाना छोड़ दिया
जिनके घर में छोटे भांजा भांजी या भतीजा भतीजी थे
ताकि औरों कीं ना सही, कम से कम खुद की नज़रों में तो मेरी इज्ज़त बनी रहे…
3 comments:
Mitr ka bhateeza bola didi. Definitely a cavalier chap
Keep it up Bindia :) Not everyone can write comic poems. It's very hard for most of the guys :)
its full of humor and sequence, there is a poet in u which could be more polished with lil more efforts.
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