गए वो दिन जब हम कहते थे...
दूध माँगोगे खीर देंगे...
कश्मीर माँगोगे चीर देंगे...
अब ग़ौर से सुनो...
दूध तो क्या पानी को भी तरसते रह जाओगे..
जल-थल-गगन में हिंदुस्तान के वीर पाओगे...
भूलना भुलाना अब छोड़ दिया हमने...
हूर, जन्नत, परियाँ सब जीते जी देखके जाओगे...
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