Sunday, March 29, 2020

कोरोना का क़हर

दुनिया पूरी बैठायी घर मेंएक वाइरस ने ऐसा चक्र दिया घुमाए...
विश्व भर में घूम-घूमकेपूरे विश्व को एक-सा दिया बनाए....
पलक झपकते बदली दुनियादिमाग़ की बत्ती अब भी टिमटिमाए...
ये क्या हुआक्यूँ हुआसोचूँ बार-बारपर कुछ भी समझ ना आए...
कोई तो बताएएक छोटे-से वाइरस मेंइतनी शक्ति कहाँ से आए...
विश्व के बुद्धिजीवों और वैज्ञानिकों को अपने आगे दिया झुकाए...
सशक्त-कमज़ोरसभी डरे हैंसबको घर में दिया छुपाए...
अमीर को प्राणों का डर हैगरीब को पेट काऔर ये डर दिन-दिन बढ़ता ही जाए...
डरीसहमीइस दुनिया को अब कौन ये समझाए...
जब बोए पेड़ बबूल केतो आम कहाँ से खाये??
पेड़ काट इमारतें बनायीनदियाँ काट बांध दिए बनाए...
थल-जल बाँट मन ना भरातो मंदिर-मस्जिद खड़े कराए...
खुद को बढ़ा बनाने मेंदुनिया इतनी ग़ुम थी हाय...
उससे भी ऊपर है जोदिया था मन-मस्तिष्क से भुलाए....
अब दुनिया सारी रुक ही गयी हैमानो ऊपर वाले ने Pause बटन दिया दबाय,
झूठी ख़ुशियों में मशगूल दुनिया कोसत्य का दर्पण दिया दिखाए...
जहां भी देखो खबर वही हैबीमारों की गिनती बढ़ती-ही जाए...
दवा मिली ना दुआ लगी नज़र में आता अब तक कोई उपाय... 
बाहर निकलने के ख़्याल सेदिल की धड़कन बड़-सी जाए...
साबुन और सेनीटाईज़र से हाथ फट गएपर इन्फ़ेक्शन का डर कम ना हो पाए...
किसी ने खोया अपना प्याराकिसी ने रोज़ी-रोटी दी गँवाये...
पर सोसियल मीडिया की crazy दुनिया कोइसमें भी humor देता दिखाए...
अलाद्दीन का चिराग़ आज जो मेरे हाथ कहीं लग जाए...
पहली ख्वाहिश में दूर करूँ दुनिया से सभी दुःखकष्ट और यातनाएँ...
दूजी में मांगु हर इंसान के लिए एक समान सुख सुविधाएँ...
तीजी में माँग लूँ सबकी लम्बी आयुसब हंसते हंसते ईश्वर घर जाएँ...

Friday, March 27, 2020

Just for FB - 2020 (5)

मंदिर बंद, मस्ज़िद बंद, बंद है गुरुद्वारे और गिरजाघर,
मानो ईश्वर स्वयं रुष्ट हो गए , मानव के अभिमान पर,
नाम प्रभु का ले थे जो लड़ रहे, पल-पल अपनी मनमानी कर ,
भगवान ने कर दिये सब द्वार बंद, इंसान की ऐसी नादानी पर,
धन दौलत की अकड़ तेरी बन्दे, सब मिल गयी चुल्लू भर पानी में,
अंत नहीं, है अभी अल्पविराम ये, बिता कुछ समय आत्मग्लानि में,
ट्रेलर से ही तू डर गया, पिक्टर क्या ख़ाक देख पायेगा,
याद रख, खाली हाथ आया था, खाली हाथ ही जायेगा,
समय रहते संभल जा पौरुष, ये वक्त लौट के फिर न आएगा,
कण-कण में है वास ईश्वर का, मानेगा तब ही भव तर पायेगा | 

Monday, March 16, 2020

तोल मोल के बोल

'उनके' घर को 'अपना' घर, जब झुंझला कर पुरुष ने बोल दिया...
मानो बेदख़ल करने को जीवन से, दिल के पटों को पलक झपकते खोल दिया...
नारी के वर्षों के प्रेम को, उसने अपने क्षण भर के क्रोध से कम तोल दिया...
किसकी लगी नज़र उनके जीवन को, ये किसने उसमें यूँ विष घोल दिया...
मुस्कानें अब कम आती हैं चेहरों पर, अश्रुओं का भी कहाँ कुछ मोल रहा...
बातें बहुत कम होती हैं अब, जीवन में वार्तालाप का शून्य अब रोल हुआ...

Thursday, March 12, 2020

Just for FB - 2020 (4)

डरा, सिमटा-सा दिखता है आज मेरा शहर,
डरी-सी शामें हैं आजकल, और डरी-सी सहर,
सामान्य चलते जीवन को लगी जाने किसकी नज़र, 
कभी प्रदूषण, कभी दंगों और कोरोना ने मचाया है क़हर!

#दिल्ली_मेरी_जान #दिलवालों_की_दिल्ली #कोरोना_का_रोना #Corona_Here_Not_For_Cheers #कोरोना_का_क़हर #India_In_Quarantine

Monday, March 9, 2020

Just for FB - 2020 (3)

रंग मुबारक , उमंग मुबारक, 
गुज़ियों की मिठास मुबारक, 
सपने बुनने की प्यास मुबारक, 
सपने पाने की आस मुबारक, 
ईश्वर की दी हर श्वास मुबारक, 
यार मुबारक, प्यार मुबारक, 
आपको होली का त्योहार मुबारक 🙏💐