Thursday, May 14, 2020

एक वो और एक हम

एक वो हैं जो कहते हैं, सब रिश्ते छोड़ दिए हमारे कारण, 
एक हम हैं, कि याद नहीं कोई रिश्ता और भी था हमारा, 
एक वो हैं  जिनकी नज़रें, हवा में हवाई जहाज़ पर गढ़ी हैं,
एक हम हैं, जो ज़मीन पर आलू मूली में उलझे पड़े हैं,  
एक वो हैं जो आसमान, मुठ्ठी में करने की ख्वाइश रखते हैं,
एक हम हैं, जिसने आखरी ख्वाइश क्या की थी वो भी याद नहीं, 
एक वो हैं जो दुनिया, को खुश रखने का जिगर रखते हैं, 
एक हम हैं, जो उन्हें ही दुनिया बनाये बैठे हैं |  

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